Saturday, March 28, 2020


अजीब मिटटी का हूँ मैं..
मज़दूर के हाथ हैं राजा का दिल
मासूमियत के चश्मे से  देखो
नासमझ लगूंगा कम
किफायती हूँ, सिफारिशी नहीं
अजीब मिटटी का हूँ मैं..

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