Saturday, March 31, 2018


जिस दिन रज़ाई को धूप देनी हो
उस दिन बारिश जाये
रज़ाई की गर्मी सी,रेशम की  बूंदे
की नरमी सुहानी लगती है
ये बाधा अच्छी लगती है..

महक कर देखो
बहक कर देखो
उनमे वो बात नहीं ..
जब बासी किसी के साथ
उठ कर  देखो

Friday, March 30, 2018

मेरा कोई किस्सा नहीं

इस लिए की मेरी कोई कहानी नहीं

जहाज तो  डुबाने को  है  लेकिन

डूबने के लिए  पानी नहीं

किनारे भी मुकम्मल हो गए हैं

मिले या न मिले कोई परेशानी नहीं

आसान लगता है लापता होना

ढूंढेगा कोई कैसे जब छोड़ा कोई निशानी नहीं




I have formed the hopeless agency

You can’t shame me  

Or

Send me on guilt trips
I haven’t come back yet
From my journeys

Of

Solitude and stillness
The choices of chance
Which led to wealth
And preparedness

For the rest..
I have formed the hopeless agency


See my footprints
Believe..Am there
The camouflage is my dress
I inhabit disappearance
I am a shy animal


Friday, March 23, 2018


You have occupied

Leaning on words

I filled the slots

With spaces

Elocution is your ally

Leave me alone

Silence.... uttered


A certain rawness

On the edge

Like a wake up call

From slumber

Brutal..

Tick tick.. you couldn't hear before

Lessons...

Stillness and pacy..

Uncertainties...pains.. are wardens
कोई चेहरा,कोई फरियाद नहीं
किसी को हमारी याद नहीं
थकते नहीं इंतज़ार में हम 
मालूम है ,ज़िक्र हमारा इसके बाद नहीं
कोई टेढ़ी नज़र से भी देख लेता 
तो सुकून मिल जाता , यक़ीनन
मसरूफ ज़माना इतना है आजकल 
देने को अपनी परछाई जितनी  भी साद नहीं

Thursday, March 22, 2018


 There is great power..

                                In love..

Greater love in  giving power


   To  those we love


                        With the power to say No

छींटे भी छाले भी
सीधे भी घुंघराले भी
मज़बूत भी और सुराख भी
कीमती भी और ख़ाख़ भी
ख़ामोशी भी और आज़ान भी
नियामत भी और शमशान भी
श्राप भी दुआ भी
रेगिस्तान भी और कुआ भी
 मन के रूप निराले हैं
धुप  तो  कभी काले हैं
कभी सयाने तो  
कभी भोले भाले हैं
छींटे भी छाले भी
सीधे भी घुंघराले भी हैं
इस मन के रूप निराले हैं



Depressed M
                      i
                   n   D


I scratch the lines
Ram into full stops
Jump the commas
But i dont turn the page

Thursday, March 8, 2018


लौट के जब न जा पाओ घर 

तो मान लेना 

जैसे भूलने की बीमारी लग गयी हो
सीख लो

तिलसम्म जादूगरी  सस्ती वाली

लापता होना एक बड़ा हुनर है



एक आलीशान मकान 

..के सामने

 जैसे  बैठा वो फ़क़ीर...

सतह तक पहुँच गया

वो पानी का बुदबुदा 

वो घर मेरा है...



कुछ  पन्ने  खाली..

कुछ लब्ज़ों से भरे हुए .
.
जो फटे हुए थे .. वो ज़ख़्मी थे

लापता हो गए.




Thursday, March 1, 2018

बचा कर जीना मुझे नहीं आता
सूरज से आती  किरण 
खोचे से ,कभी कभी,
सुन्दर लगती है
समुन्दर में  डुबा दे कश्ती
सुराग में सफीना को 
तैरना नहीं आता
खोचे और सुराग की तरह 
बचा कर जीना मुझे नहीं आता