Thursday, February 8, 2018

रहम की उम्मीद बड़ी सस्ती है 
दिल खोल के रखिये
रास्ता भले जलता हो ,रोशन इसे  सूरज किये है 
घसीटिये चलिए ,
अपने पाँव बेधड़क रखिये

मौत ज़िन्दगी के  बीच के   खालीपन का असीम समंदर 
झांकिए ज़रा 
पा कर बिछड़ जाना बड़ा खूबसूरत वाकया है मायूसी का 
दिल के किसी कोने में
 खुद को गुनेहगार  ज़रूर रखिये


टपकता  है  पानी 
बूँद बूँद  कर के
आंसू  बन कर बह जाओ
लापता होना है चैन से 
अपनों के शहर आ जाओ
एक वक़्त आता है
जब हम भूल जातें हैं
की शुरु कहाँ से हुआ किस्सा
होता है सामना 
हम हैं पूरे या बंटा हुआ हिस्सा?


Wednesday, February 7, 2018








डिप्रेशन क्या है
साइकिल का पहिया है
बस..
थकना ,लेकिन
एक सांस ले लेना
    फिर चल देना..
मगर..
रुकना नहीं






गुलज़ार साब..
आप अजीब हैं
यकीन है..
जब आप सांस लेते होंगे
आपके कार्बन डिओक्सीडे 
से भी कविता ..
निकलती होगी

छेद हो जाये
पहन लेना
फिर भी..
रफ्फू किया हुआ
ज़्यादा कोमल होता है