Wednesday, April 25, 2018

मुस्कान मेरी... जान
तुम कहाँ खो गयी?
जो आये.. वो साथ 
तुम्हे ले गए ..
मेरा पता अब  भी वही है

लौटना चाहो तो..


सुईयो  ने हाथ मिलाया
तोः घडी थंम गयी
वक़्त से ली लगाम अपने हाथ में
तो मैं चल पड़ा..




चाबी का गुच्छा याद दिलाता है
कोई दस्तक दे रहा है
आहट भी सुनाई दे रही है

मैं दरवाज़ा नहीं खोलता




Tuesday, April 24, 2018




मै  को खा कर देखा है कभी ?
मैखाना बन  जाता है
काश ले कर ज़न्दगी के
बहुत उठे होंगे महफ़िलो से..
कभी निशानो नाम  मिटा कर देखो
बदहोश पैमाना हो जाता है 

Thursday, April 19, 2018

ठोक के किल्ली सीने में 

दुःख का अंत कर दिया

बेखबर हो के हमसे  

सीधा बेघर कर दिया





टपकता हुआ पानी नल का

अचानक सहम जाता है

सूरज जब  कश लेता है





Thursday, April 12, 2018

ग़लतफमियाँ नादान हैं
इन्हे पालिये मत
गर बड़ी हो गयी
तो बड़ा दुःख देंगी


Wings,wildflowers,wail

Like in a waiting room

With a spirit of a wanderlust

Mom you gave me birth ..

Into a prison.

Tuesday, April 10, 2018

बिजली चली गयी है

लेकिन..

अँधेरा लगता नहीं

तुम जो साथ बैठे हो

Tuesday, April 3, 2018




The movie plays

The seats are empty

No ones watches my film


I am slipping in

My eyes blink, the heart  sink,

not my spirit

I pull over my blanket

Sunday, April 1, 2018





Until there was ..

squabble and struggle..
There was rain
Seedlings budding..

Then
there was silence

Soft barren.