रिवाज़ है की वेहम पाल लू
बेकद्री दरबदरी के घर में पनाह लू
दिन फिर गए ऐसा समझ के सामान खोलूं
मुठी  में करूँ,समेटूँ  की फिर बिखार लू

रिवाज़ है की वेहम पाल लू


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