बचा कर जीना मुझे नहीं आता
सूरज से आती  किरण 
खोचे से ,कभी कभी,
सुन्दर लगती है
समुन्दर में  डुबा दे कश्ती
सुराग में सफीना को 
तैरना नहीं आता
खोचे और सुराग की तरह 
बचा कर जीना मुझे नहीं आता


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