
सुब को पूरा चाँद भाता है
आधी रोटी क्या कम भूक मिटाती है?
सूरज के ओरे कोई देख कर
कोई नहीं आहें भरता है ?
चांदनी में नाहा कर जो नहीं बनता
सूरज तोः जीवन का वो चकला है
चाँद तोः पहरेदार रात का है
सूरज तोः मुँह से दिन उगलता है
जैसे चूल्हा उगलती रोटी
इक रोशन है तोः इक रौशनी
दोनों बिना नज़र मिलाये एक दुसरे से
कैसे होगी इंद्रधनुष रथ की सवारी ?
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